सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Aaj ka panchang 26 august आज का पंचांग

             

 

Aaj ka panchang 26 august आज का पंचांग 


तारीख --- 26 - 08 - 2020     दुर्गाष्टमी  गौरी पूजन


वार --- बुधवार


सूर्य उदय मुम्बई --- 06.23


सूर्य अस्त मुम्बई --- 18.58


अयन --- दक्षिणायन


ऋतु --- वर्षा ऋतु


शालिवाहन शक --- शार्वरीनाम संवत्सर शक 1942


संवत्सर --- 2076


हिन्दु माह --- अमांत - भाद्रपद, पूरणिमांत --- भाद्रपद


पक्ष --- शुक्ल पक्ष


तिथि --- अष्टमी  10.40  तक  उसके बाद  नवमी


नक्षत्र --- अनुराधा  13.04


योग --- वैधृति  19.32


 पहला करण --- 


 द्वितीय करण ---बव  10.40  तक  उसके बाद  बालव


चंद्रमा रास ---  वृश्चिक


रवि रास  ---   सिंह


रवि नक्षत्र ---  मघा


भद्रा प्रारंभ --- नही


भद्रा का अंत --- नही


राहु काल मुम्बई --- 12.41  से 14.14



Aaj ka panchang 26 august आज का पंचांग 


वार एक सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक रहता है। इस पंचांग मे तिथि की समाप्ति दि गयी है। नक्षत्र, योग, करण का अंत समय दिया गया है। तिथी के आधे भाग को करण कहते है, पहला करण पहले आधे भाग में होता है और दूसरा करण दूसरे आधे भाग में होता है। भद्रा का अर्थ है विष्टि करण। अमावस्या, भद्रा, व्यतिपात योग, वैधृति योग और करिदिन ये सभी शुभ कार्यो के लिए अशूभ हैं।

राहु काल मुम्बई का दिया गया है। राहु काल सूर्योदय और सूर्यास्त पर आधारित है, इसलिए यह प्रत्येक गांव में अलग-अलग आता है। आधी रात के बाद का समय + संकेत है। तीथि, नक्षत्र, योग सभी सूर्योदय के दिए गए हैं। तिथि, नक्षत्र, योग जिसके निचे रेखांकित किया गया है, वह क्षय हो चुके होते है, यानि वह उस दिन सूर्योदय पर नहीं होते है।



नवग्रह स्तोत्र




आज का पंचांग 26 अगस्त



राहु काल


रविवार - शाम 16.30 से 18.00 बजे तक


सोमवार --- 07.30 से 09.00 बजे तक


मंगलवार --- 15.00 से 16.30 बजे तक


बुधवार --- दोपहर 12.00 से 13.30 बजे तक


गुरुवार --- प्रात: 13.30 से 15.00 बजे तक


शुक्रवार --- सुबह 10.30 से दोपहर 12.00 बजे तक


शनिवार --- सुबह 09.00 से 10.30 बजे तक



Hindu panchang 26 august हिन्दु पंचांग 26 august



राहु काल सूर्योदय पर आधारित है, प्रत्येक गांव का दैनिक सूर्योदय अलग है इसलिए यह हमेशा समान नहीं होता है। जिस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजे और सूर्यास्त शाम 06 बजे होता है, उस दिन राहु काल का समय ऊपर जो दिया है, उस समय का होता है । मुम्बई का राहु काल दिया है, इसलिए महाराष्ट्र के अन्य गांवों को 15 मिनट पहले और 15 मिनट बाद का राहु काल माना जाना चाहिए।



श्रीपाद श्रीवल्लभ सिध्द मंगल स्तोत्र


 

Aaj ka panchang 26 august आज का पंचांग 





Panchang kaise dekhe



Panchang in hindi 26 august


Panchang by Sanjay Deshpande


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

shripad shrivallabh siddha mangal stotra श्रीपाद श्रीवल्लभ सिध्द मंगल स्तोत्र

shripad shrivallabh siddha mangal stotra  श्रीपाद श्रीवल्लभ सिध्द मंगल स्तोत्र    बापनाचार्यलु हे श्रीपाद श्रीवल्लभ यांचे आजोबा होते. बापनाचार्यलु ह्यांना श्रीदत्तात्रयांचे दर्शन झाल्यानंतर त्यांनी श्रीपाद श्रीवल्लभ सिध्द मंगल स्तोत्राची रचना केली.       श्रीपाद   श्रीवल्लभ   सिध्द मंगल मंत्र   श्री मदनंत श्रीविभुषीत अप्पल लक्ष्मी नरसिंह राजा  ।   जय विजयी भव, दिग्विजयी भव, श्रीमदखंड श्रीविजयी भव  ।।   श्रीविद्याधरी राधा, सुरेखा, श्रीराखीधर श्रीपादा  ।   जय विजयी भव, दिग्विजयी भव, श्रीमदखंड श्रीविजयी भव  ।। माता सुमती वात्सल्यामृत परिपोषित जय श्रीपादा  । जय विजयी भव, दिग्विजयी भव, श्रीमदखंड श्रीविजयी भव  ।। सत्यऋषीश्वर दुहितानंदन बापनाचार्यनुत श्रीचरणा  । जय विजयी भव, दिग्विजयी भव, श्रीमदखंड श्रीविजयी भव  ।। सावित्रकाठक चयन पुण्यफला, भारद्वाज ऋषी गोत्र संभवा  । जय विजयी भव, दिग्विजयी भव, श्रीमदखंड श्रीविजयी भव  ।। दौ चौपाती देव लक्ष्मीगण संख्या बोधित श्रीचरणा  । जय विज...

कोणत्या राशीला साडेसाती आहे. साडेसाती म्हणजे काय Konatya Rashila Sadesati ahe. Sadesati mhanje kay

  कोणत्या राशीला साडेसाती आहे. साडेसाती म्हणजे काय Konatya Rashila Sadesati ahe. Sade sati mhanje kay कोणत्या राशीला साडेसाती सुरु आहे .  धनु , मकर व कुंभ या तीन राशीना साडेसाती   चालू आहे. 29 एप्रिल 2022 रोजी शनि कुंभ राशीत प्रवेश करत आहे. त्यानंतर धनु राशी ची साडेसाती संपुन मकर , कुंभ व मीन राशीची साडेसाती चालु होईल. मुळात साडेसाती ही राशी प्रमाणे न बघता तुमचा जन्म चंद्र ज्या अंशात असेल तिथुन 45 अंश मागे शनि आल्यास साडेसाती सुरु होते व शनि 45 अंश पुढे निघुन गेल्यास साडेसाती   संपते.  पंचांग कसे पाहावे  साडेसाती केंव्हा सुरु होते      साडेसाती केंव्हा सुरु होते .  तुमचा जन्म चंद्र धनु 25 अंश आहे तर 25 + 45 = 70 अंश . धनु राशी चे 5 अंश + मकर राशी चे 30 अंश + कुंभ राशि चे 10 अंश असे एकूण 45 अंश पुर्ण होतात . तुमची साडेसाती शनि जेव्हां कुंभ राशीत 10 अंश जाईल तेव्हां संपेल. शनि वृश्चिक राशीत 10 अंश आल्यानंतर साडेसाती सुरु होईल . पण तुम्ही असे समजता कि वृश्चिक राशीत शनि आल्याबरोबर तुमची साडेसाती सुरु होईल पण तसे होत नाही. तुमची साडेसा...

पंचांग कसे पहावे panchang kase pahave

  पंचांग कसे पहावे Panchang kase pahave पंचांग कसे बघावे   Panchang kase pahave पंचांग कसे पहावे ?     पंचांग म्हणजे काय panchang mhanje kay   पंचांग म्हणजे पाच अंग   1.  तिथी     2. नक्षत्र    3.  योग    4. करण     5. वार .  या 5 अंगाची माहिती ज्यात असते त्याला पंचांग म्हणतात . तिथी म्हणजे शुक्ल पक्षात प्रतिपदेपासून पौर्णिमेपर्यंत व कृष्णपक्षात प्रतिपदेपासून अमावस्यापर्यंत रोज एक जो दिवस असतो त्याला तिथी म्हणतात . हिंदु महिन्याची सुरुवात शुक्ल पक्षापासून होते. तर काही राज्यात कृष्ण पक्षापासून होते. शुक्ल पक्षातल्या पहिल्या तिथीला प्रतिपदा म्हणतात . त्यानंतर दुसऱ्या तिथीला द्वितीया , तिसऱ्या तिथीला तृतिया व शेवटच्या तिथीला पौर्णिमा म्हणतात . कृष्ण पक्षाची सुरुवात प्रतिपदेने होते . कृष्ण पक्षात दुसरी तिथी द्वितीया , तिसरी तिथी तृतिया व शेवटची तिथी अमावस्या असते . तिथी म्हणजे सुर्य व चंद्र यांच्या मध्ये 12 अंशाचे अंतर पुर्ण झाल्यावर एका तिथीची समाप्ति होते . अमावस्येला सुर्य व चंद्र एकाच र...